पुलिस ने दंगों की साजिश में जमशेद पठान नाम के शख्स को भी पकड़ा है। वहीं गुजरात पुलिस ने कहा है कि आणंद जिले के खम्बात में रामनवमी के जुलुस के दौरान हुई हिंसा एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत हुई थी।
HIGHLIGHTS
- रामनवमी पर आणंद में हुए दंगे की पहले से रची गई थी साजिश
- पत्थरबाजी के लिए लड़कों को दिया गया था आर्थिक लालच
- पत्थरबाजी के लिए लड़कों को बाहर से लाया गया था
गांधीनगर: गुजरात के आणंद में रामनवमी पर हुए दंगे के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस का कहना है कि ये हिंसा पहले से प्लान साजिश के तहत की गई। मौलवी मुस्तकीन इन दंगों की साजिश का मास्टरमाइंड है और अभी वो फरार है। इस मामले में ये बात भी सामने आई है कि पत्थरबाजी के लिए लड़कों को बाहर से लाया गया था और उन्हें आर्थिक के साथ ही कानूनी मदद का भरोसा दिया गया था। पत्थरबाजी कब्रिस्तान के पास की जानी थी क्योंकि वहां पत्थर आसानी से मिल सकते थे।
पुलिस ने दंगों की साजिश में जमशेद पठान नाम के शख्स को भी पकड़ा है। वहीं गुजरात पुलिस ने कहा है कि आणंद जिले के खम्बात में रामनवमी के जुलुस के दौरान हुई हिंसा एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत हुई थी। दरअसल यहां जिस तरह से पथराव हुआ और जिस जगह पर पथराव हुआ, उससे राज्य खुफिया विभाग को शंका हुई थी, जिसके बाद राज्य ATS को साथ लेकर जांच शुरू की गई। फिर जब इस मामले के संदिग्ध जमशेद पठान को पकड़ा गया तो उसने साजिश के मास्टरमाइंड मौलवी मुस्तकीन के बारे में बताया।
रामनवमी पर निकली रथयात्रा को रोकने के लिए मौलवी मुस्तकीन ने ही साजिश रची थी। उसने वसीम और वाजिद को कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार किया था। इस मामले में पैसे का मैनेजमेंट मतिन अल्टी और उनके भाइयों मोहसिन और आजाद ने किया था। इसके अलावा लड़कों की व्यवस्था चिंटू फरीद, रज्जाक पटेल, अख्तर, नसीर और जाहिद ने जुलुस को रोकने के लिए की थी। FIR में अल्ती और उसके भाइयों को छोड़कर सभी के नाम हैं।
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